स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज को मानवतावादी कर्मयोग पुरुस्कार से नवाजा

कैलिफ़ोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका के भक्ति फेस्ट के संस्थापक श्रीधर जी द्वारा पुरस्कृत किया गया

परमार्थ गंगा तट पर पूज्य संत मुजी के सत्संग में उमड़ा योगी सैलाब

योग की यात्रा को स्वच्छता, एकता और सामंजस्य के मार्ग से विश्व शांति तक पहुंचाना हो हमर लक्ष्य – स्वामी चिदानंद सरस्वती

ऋषिकेश, ३ मार्च । परमार्थ निकेतन ऋषिकेश, आयुष मंत्रालय – भारत सर्कार, उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड, एवं गढ़वाल मंडल विकास निगम द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित २९ वे. वार्षिक विश्व विख्यात अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के तीसरे दिन की कक्षाओं प्रातः ४ बजे से सांय ९:३० बजे तक संचालित हुई । इस महोत्सव में ७० से अधिक पूज्य संतो, योगाचार्यों एवं योग विशेषज्ञों द्वारा योग विद्या के १५० विभिन्न आयामों का अभ्यास कराया जा रहा है । आज की कक्षाओं में विशेषतः कुंडलिनी योग, हठ योग, पावर प्राणायाम, विन्यास योग, एरोमा चिकित्सा, अष्ठांग योग, सोमेटिक योग, रेकी, योग निद्रा, सूर्यादय नाद योग एवं लीला योग का अभ्यास कराया गया ।

आज प्रातः काल की शुरुआत कैलिफ़ोर्निया, अमेरिका से आये गुरूशब्द सिंह खालसा द्वारा कुंडलिनी साधना के अभ्यास के साथ हुई । तत्पश्चात चीन के कृष्णमूर्ति मोहन राज द्वारा हठ योग का अभ्यास, योगिराज विश्वपाल जयंत द्वारा पावर-प्राणायाम, कैलिफ़ोर्निया की लौरा प्लंब द्वारा ‘योग आफ लव’ का अभ्यास कराया गया ।

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के तीसरे दिन योग साधकों को दिए सन्देश में पूज्य चिदानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा, ‘योग की यात्रा को स्वच्छता, एकता और सामंजस्य के मार्ग से विश्व शांति तक पहुंचाना ही हमारा लक्ष्य हो ।’

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि ‘योग की कक्षाएं तो दुनिया के हर कोने में सम्पन्न होती है परंतु योग साधना केवल भारत में गंगा के तट पर ही संभव है । गंगा के तट पर योग एवं ध्यान करना हर प्रतिभागी के लिए गर्व का विषय है ।’

परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज को मानवतावादी ‘कर्मयोग’ विशेष पुरस्कार से नवाजा गया । कैलिफ़ोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका के भक्ति फेस्ट के संस्थापक श्रीधर जी द्वारा कर्मयोग पुरस्कार प्रदान किया गया । श्रीधर सिल्वरफेन पूज्य स्वामी जी को पुरस्कार देने अमेरिका से स्वयं गंगा तट परमार्थ निकेतन आये हैं । मानवता, योग, सहयोग सद्भाव, माँ गंगा, पर्यावरण, प्रकृति, शिक्षा एवं अभावग्रस्त परिवारों के उत्थान के लिए किये गए गर्यो हेतु उन्हें यह पुरस्कार दिया गया । श्रीधर सिल्वरफेन जी ने कहा कि पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज भक्ति, ज्ञान, और कर्म तीनों धाराओं के मॉडल है । उनकी उच्चस्तरीय भक्ति एवं ज्ञान अतुलनीय है । श्री श्रीधर सिल्वरफन जी ने कहा की प्रत्येक वर्ष अमेरिका में होने वाले विशाल भक्ति महोत्सव के सूत्रधार भी पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी है ।

पूज्य स्वामी जी द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में सहभाग कर रहे योगाचार्य स्वामी भक्ति आलोक परमाद्वैती, योगाचार्य किया मिलर, योगाचार्य ब्रायन सिद्धार्थ इंग्ले, योगाचार्य भारत शेट्टी, योगाचार्य एरिक कॉफमैन, चांदनी मगलिंयो को उनकी उत्कृष्ट सीन के लिए पुरास्कूल किया गया । पूज्य स्वामी जी ने परमार्थ परिवार के सेवकों को भी उनके अथक परिश्रम व सेवा के लिए सम्मानित किया गया जिसमें अमेरिका से लॉरी, लंदन से रैना पाठक, नार्वे से प्रीटी पंधेर एवं लोरिस प्रमुख थे ।

दोपहर के विशेष सत्संग सत्र में पूज्य मुजी जी द्वारा योग प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया जा रहा है ।

योगासन का अभ्यास करते हुए योगी किया मिलर ने कहा, ‘शरीर में बुद्धिमत्ता का सर्जन जीवन में बुद्धिमत्ता का मार्ग प्रशस्त करता है । इन आसनों से आप के अंतःकरण में निहित शक्तियों का उद्दभव होगा । प्राणायाम के माध्यम से श्वास की प्रक्रिया अंतःकरण में विद्यमान अवरोधों को नष्ठ कर देती है । अंततः आप देखेंगे कि प्राणायाम से अंतःकरण में निहित शक्ति को प्रकट करने में संक्षयं हो रहे है । यही योग का यथार्थ स्वरूप है ।

इटली की फ्रांसेस्का केसिया ने कहा, ‘हैपी हिप्स फ्लो’ को अभ्यास कराया जबकि कनाडा की ग्लोरिया लैथम ने चक्रों के माध्यम से जीवन यात्रा की जानकारी दी । कैलिफ़ोर्निया की क्रिस्टिन ओल्सन ने हठ-योग तथा भारत शेट्टी ने विन्यास प्रवाह एवं स्थिर आसनों की कक्षा सम्पन्न की ।

दोपहर के बाद की कक्षाओं में एरोमा थिरेपिस्ट डॉ अंजना भगत ने एरोमा थिरेपी के माध्यम से भावनाओं के संतुलन तथा पूर्व राजदूत तथा योगी श्री चंद्रमोहनbhandari ने समग्र स्वास्थ्य के लिए योग अभ्यास पर परिचर्चा की । तत्पश्चात प्रसिद्ध वैज्ञानिक ब्रूस लिप्टन ने समझाया कि अवचेतन मन के पावर को योग के माध्यम से किस प्रकार विकसित कर सकते है ।

संन्यकालीन गंगा आरती के पश्चात दिल्ली से आयी अनीता बाबु एवं सहयोगी द्वारा गंगा नदी नृत्य, शक्ति नृत्य तथा प्रकृति नृत्यों द्वारा गंगा बचाओं, बेटी बचाओं, बेटी बाधाओं का विशेष सन्देश दिया जायेगा । बाली इंडोनेशिया से आई आया लक्ष्मी द्वारा विशेष नृत्य का प्रदर्शन किया जायेगा । यह नृत्य सैकड़ों योगियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा ।

3 मार्च की योग कक्षाओं की एक झलक

कैलिफ़ोर्निया, अमेरिका की गुरूशब्द सिंग खालसा द्वारा प्रातः कालीन कुंडलिनी योग के विषय में जानकारी देते हुए कहा, आत्मा को पवित्रता के शिखर पर ले जाने का उत्तम मार्ग है ।

कैलिफ़ोर्निया की लौरा प्लंब द्वारा ‘ योग आफ लव’ का अभ्यास करवाया और उन्होंने विशेषता बताये हुए कहा कि’ इस योग साधना से चेहरे पर विशेष कांटी और ह्रदय प्रेम की भावना से ओतप्रोत रहता है साथ ही चरों ओर अपनत्व के वातावरण का एहसास होता है ।

किया मिलर ने आन्तिरिक शक्तियों को जाग्रत एवं प्रबल बनाये के लिए विशेष आसनों का अभ्सास करवाया और कहा कि इससे आत्मिक शांति का मार्ग प्रशस्त होता है ।

ग्लोरिया लैथम ने चकों के माध्यम से जीवन यात्रा की जानकारी देते हुए कहा, योग और ध्यान के माध्यम से शरीर के सातों चक को जाग्रत कर योगी अपार सिद्धियों को प्राप्त कर सकता है । इससे मानसिक स्वास्थ्य की सुदृढ़ता के साथ आनंद की प्राप्ति होता है ।

पूज्य संत दर्शन, सत्संग एवं संवाद

पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज, पूज्य संत मुजी, पूज्य प्रेम बाबा जी एवं पूज्य भिक्खु संघसेना जी ।

 

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