अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के छठवां दिन प्रदेश के राज्यपाल डॉ० अज़ीज़ कुरैशी ने परमार्थ निकेतन पहुंचकर दुनिया के कोने-कोने से आए योग शिक्षकों एवं योग प्रशिक्षणार्थियों से मुलाक़ात की । प्रतिभागियों को अपने सम्बोधन में महामहिम ने जहाँ विश्व भर में योग के प्रति गहरी होती जा रही आस्था और विशवास पर चर्चा की, वहीँ उन्होंने योग के आध्यात्मिक एवं भौतिक दोनों क्षेत्रों में विकास के तौर-तरीकों के बारे में योग शिक्षकों से जानकारी हासिल की । उन्होंने श्री स्वामी चिदानंद सरस्वती से देवभूमि की प्राचीन ऋषिप्रदत्ता विद्याओं के विकास और उन्हें आज के परिप्रेक्ष्य में उपयोगी बनाने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की । इस अवसर पर पर्यटन सचीव श्री उमाकांत पवाँर एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे ।

राज्यपाल डॉ० कुरैशी आज सायंकाल परमार्थ निकेतन पहुंचे । उन्होंने परमार्थ परिसर में चल रहे १५वें अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में आए प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित किया । उन्होंने कहा कि योग ऋषि-मुनियों द्वारा संसार को प्रदत्त प्राचीन भारतीय विद्या है । वास्तव में योग ऐसी सहज और अति-प्रभावकारी विद्या है जो आध्यात्मिक एवं भौतिक उद्देश्य की पूर्ति में सर्वाधिक सहायक होती है । व्यक्तित्व के विकास में आने वाली सबसे बड़ी बाधाओं अंह, पक्षपात, गलत धारण आदि से योग द्वारा ही निजात पाई जा सकती है । उन्होंने कहा कि योग मुनष्य के ह्रदय में देवत्व लाता है तथा यह मानव मन को पर्वत जैसी स्थिरता एवं सागर जैसी गहराई प्रदान करता है । हम चाहते हैं कि योग दुनिया के हर व्यक्ति का जीवन-दर्शन बने, क्योंकि एक योगी ही आनन्द की सुखद उच्चता का अहसास कर सकता है । गवर्नर ने कहा कि विश्व शांति के लिए भी योग की बड़ी जरुरत है, क्योंकि एक योगी अपराध, हिसा, भ्रष्टाचार आदि से मुक्त होता है । समाज व राष्ट्र के सृजनात्मक, सकारात्मक एवं गुणात्मक समाज के निर्माण में योगियों की भूमिका की चर्चा हुए राज्यपाल ने परमार्थ परिवार द्वारा १५ वर्षों से चलाये जा रहे अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की श्रृंखला की सराहना की । राज्यपाल ने १७ देशों से आए ५२ योग गुरुओं को सम्मानित भी किया ।

इस अवसर पर आशरमाध्यक्ष श्री स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि योग द्वारा स्वास्थ्य लाभ के अतिरिक्त प्राप्त होने वाला लाभ अतुलनीय है । विश्व के ५१ देशों से योग जिज्ञासुओं के तीर्थनगरी में आने से परमार्थ परिसर मिनी सयुक्त राष्ट्र संघ में तब्दील जुआ दिख रहा है । योग महोत्सव द्वारा विश्व भर के लिए प्रेषित सन्देश वास्तव में नयी सजग व स्वस्थ दुनिया के निर्मा के लिए एक शंखनाद है । महोत्सव के पीछे जो मुख्य थीम काम कर रही थी, वह है – “योग द्वारा मन व मानसिकता में बदलाव” । जब मन बदलेगा तो सोच बदलेगी, जब सोच बदलेगी तो सम्पूर्ण दुनिया बदलेगी । उन्होंने ‘हम बदलेंगे-युग बदलेगा’ के सूत्र को जीवन में आंगीकार करने का आह्वान योग जिज्ञासुओं से किया । इस मौके पर जमैका के धर्मगुरु एंथोनी पॉल ने भी अपने विचार रखे । मंच संचालन साध्वी भगवती सरस्वती ने किया ।

कल सात मार्च को योग सप्ताह के समापन की पूर्व संध्या पर दुनिया के अनेकों देशों से परमार्थ आए योग प्रतिभागी काफी अभिभूत दिखे । उन्होंने अपनी-अपनी भावनाएं व्यक्त कीं । केन्या की मीना खमरान ने कहा कि परमार्थ निकेतन में होने वाले योग महोत्सवमें मेरा यह आठवां साल है । आरम्भ में मैं योग के लिए आई थी लेकिन अब मैं लोगों के लिए जा रही हूँ । क्रोशिया के इवाना क्रमिक बोले- बच्चों के लिए योग कक्षाओं की शुरुआत कराने वाला मैं क्रोशियन का दूत हूँ । मुझे यहाँ दैव प्रदत्त ईश्वरीय वरदान से युक्त वैशिवक गुरुओं से मिलने और कुछ विशेष सीखने का अवसर मिला है । डेनमार्क की नायमा किर्कफ़ेल्ट ने अभिव्यक्ति देते हुए कहा की आत्मप्रेम किमेरी दीर्घकालीन अभिलाषा मुझे ऋषिकेश में खिंच लाइ है । उन्होंने यह भी कहा कि शिवमणि के ड्रम प्रदर्शन ने मेरे ह्रदय की संगीत-वीना के झकझोर दिया है ।

आज कुण्डलिनी साधना गुरुशब्द खालसा, सी-प्लस मेडिटेशन माँ ज्ञान सुवीरा, सब्मर्ज्द योगा श्री चंदानी, क्रिया योग साध्वी आभा सरस्वती,पावर प्राणायाम योगिराज विश्वपाल जयंत, प्राननष्ट्य दीपिका मेहता, युवा योग टीएस कृष्णन, सोमेटिक गायत्री देवी कुण्डलिनी योग गुरमुख कौर खालसा, आध्यात्मिक सम्भाषण जेफ्रे आर्म स्ट्रांग तथा योग के मनोवैज्ञानिक पहलू डॉ० आर० एस० भोगल, तथा हस्त निर्देशत ध्यान डेविड वाई द्वारा सिखाया गया । भारत के जाने-माने योगगुरु पद्मश्री भारत भूषण ने योग निद्रा की गहराइयों का व्यवहारिक प्रशिक्षण देते हुए कहा कि योग शरीर से परे जाकर आध्यात्मिक गहराइयों से जुड़ने का एक दुर्लभ अवसर होता है । देर शाम जमैका के धर्मगुरु मू-जी एन्थोनी पॉल ने योग प्रतिभागियों का आध्यात्मिक मार्गदर्शन किया ।

कल शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का समापन होगा ।

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