परमार्थ निकेतन में पिछले सात दिनों से चल रह अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आज विधिवत समापन हो गया । महोत्सव के अंतिम दिवस आज योग जिज्ञासुओं ने ‘योगीज फॉर गंगा’ का सामूहिक उद्घोष किया तथा योग साधकों एवं योग गुरुओं सभी ने गंगा की स्वच्छता एवं निर्मलता के लिए अपनी-अपनी भूमिका तय करके इस हेतु प्रयास करने के संकल्प लिए । समापन दिवस पर परमार्थ ने योग विज्ञानं को ‘गंगा योग’ की अभिनव अवधारणा दी । इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों ने गंगा किनारे इको-होली खेली ।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष एवं गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता श्री स्वामी चिदानंद सरस्वती के सान्निध्य में योग साधकों ने आज परमार्थ गंगातट पर जैविक रंगों से होली खेली तथा गंगा में उतारकर साफ-सफाई की । उन्होंने गीता भवन से लेकर वेद नकेतन तक के क्षेत्र में गंगा में सफाई अभियान चलाया । इसी महीने भारत में होली का पर्व है, यह जानकारी पाकर योगप्रतिभागियों ने आज होली खेलने की इच्छा जाहिर की, तो परमार्थ परिवार ने जैविक रंगों से होली खेलने की व्यवस्था तुरत-फुरत बनवाई । सभी योग साधकों ने होली की पूर्व बेला पर यह भारतीय त्यौहार धूमधाम से मनाया । साध्वी भगवती सरस्वती ने होली के विषय में सभी को बताया । जैविक रंगों से रंगे देशी-विदेशी इस मौके पर “ज्योति से ज्योति जगाते चलो, प्रेम की गंगा बहाते चलो” जैसे गीतों के साथ गंगाजी के सम्मुख खूब झूमे ।
इस मौके पर स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि गंगा सबके लिए बहती हैं और निरंतर बहती ही रहती हैं । गंगा बिना किसी भेदभाव के वह सदा-सर्वदा प्रवाहित होती रहती हैं और सभी को सुख व शांति प्रदान करती हैं । उन्होंने कहा कि योग की गंगा भी भागीरथी माँ गंगा की तरह पुरे विश्व में प्रवाहित हो तथा दुनिया के हर अंचल में लोगों को निरोग, जागृत व जीवन्त बनाने के काम में प्रत्येक योग साधक और उनकी योग साधना की गंगधारा अपनी भूमिका निभाती रहे । श्री स्वामी जी ने सभी योग साधकों को अपने-अपने देश और क्षेत्र में हरीतिमा विस्तार, वृक्षारोपण तथा अपने क्षेत्र की नदियों को स्वच्छ रखने का संकल्प भी कराया । उन्होंने शुद्ध जल, वायु और हवा अगली पीढ़ी को देने की अपील विश्ववासियों से की । उन्होंने नारा दिया “जुड़ेंगे और जोड़ेंगे” तथा कहा कि इसी का नाम तो “योग” है ।
योगिराज पद्मश्री भारत भूषण ने आज की होली देखकर कहा कि योग अनेकता में एकता एक दर्शन है जिसे होली की रंग भरी मस्ती में दुनिया के अनेकानेक देशों के लोगों के बीच यहाँ देखने को मिला । उन्होंने कहा कि सार्वभौम एकात्मता में ही वास्तव में जीवन का सच्चा आनंद है । उद्द्योग व्यापार मंडल के प्रदेश महामंत्री बोल उठे “यह अनेकता में एकता का संगम देखकर हम व्यापारियों का मन होली पूर्व ही होली के उल्लास और उत्साह से भर उठा है । रायवाला स्थित डी. के. एम. ग्रुप के असिस्टेंट डायरेक्टर संदीप धीमान बोल उठे “परमार्थ के अंदर परमार्थ के यथार्थ दर्शन करके अभिभूत हूँ ।”
समापन दिवस पर भी विभिन्न विषय विशेषज्ञों की सौद्धान्तिक एवं व्यावहारिक कक्षाएं चलीं । हरिद्वार से आई योगाचार्य उर्मिला पाण्डेय ने योग निद्रा के पक्ष-पहलुओं की विस्तार से प्रकाश डाला और प्रतिभागियों को योग निद्रा सिखाई । भाविनी कालन ने स्वान ग्रेव क्रिया का अभ्यास कराया । जेफ्री आर्मस्ट्रोंग ने तपस्या के बारे में प्रकाश डालते हुए कहा कि यह जीवन में सभी सफलताओं का सार्वभौमिक सिद्धांत है । किया मिलर ने देव सापेक्षता के विषय में वर्णन करते हुए बताया कि आसान, प्राणायाम तथा ध्यान इस यात्रा के पहलू हैं । हरिद्वार की डॉ० राधिका नागरथ हाई-पर-टेंशन में योग का चिकित्कीय प्रयोग विषय पर गहन परिचर्चा की । दिल्ली के राम गोपाल दीक्षित ने भी योग साधकों का मार्गदर्शन किया । प्रदेश के शहरी विकास मंत्री श्री प्रीतम सिंह पंवार भी आज परमार्थ निकेतन पहुंचे और श्री स्वामी चिदानंद सरस्वती जी से भेंट की ।