अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के पांचवें दिन आज परमर्थ निकेतन में दुनिया के ५१ देशो से आए योग जिज्ञासुओं ने योग विज्ञान, ध्यान, अध्यात्म एवं संस्कृति विस्तार की कई विधाएँ विशेषज्ञों से सीखीं । छ: अलग-अलग कक्षाओं में योग विशारदों ने उन्हें ऋषि प्रणीत योग का ज्ञान विज्ञानं सिखाया । फ़िनलैंड की टी० तामीनेन ने कहा की तीर्थनगरी ऋषिकेश में मिली शिक्षाएं गहरी एवं गंभीर हैं । वातावरण प्रकाशमय है तथा लोग अति मिलनसार हैं । यूनान की एलिजाबेथ एंड्रीपोलो ने बताया की भारतीय एवं पाश्चात्य अभिरुचियों से युक्त योग उपागम जीवंतता से परिपूर्ण हैं । इजरायल के शुलामिट सलेम ने व्यक्त किया की मुझे पता था कि योग में महानता होगी, किन्तु सत्संग मुझ लाभ के रूप में परमार्थ में मिला ।जर्मन की एलिस बीक ने कहा कि मैं छ: बार योग महोत्सव में भाग ले चूका हूँ और हर बार मुझे कुछ न कुछ भिन्नता यहाँ दिखाई पड़ती है । यहाँ आकर मैंने यह सीखा है कि मैं सभी जगह के लोगों के साथ घुल-मिल सकता हूँ । चाहे जर्मनी के हों, या भारत के अथवा कहीं और के । स्वामी नारायण गुरुकुल अहमदाबाद के प्रमुख स्वामी माधवप्रिया दास जी ने कहा कि सबसे बड़ा योग ‘प्रेम’ है ।इस्कान मंदिर मुंबई के प्रमुख श्री राधानाथ स्वामी जी ने कहा कि इस संसार में कुछ देकर ही पाया जा सकता है ।
सीमा डेंटल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के निदेशक एवं प्रमुख दन्त रोग चिकित्सक डॉ० हिमांशु ऐरन ने आज योग महोत्सव में ‘मुख ही स्वास्थ्य का दर्पण है’ विषय पर वार्ता प्रस्तुत की । डॉ० ऐरन ने समाज के उत्थान में मनुष्य के यगडान की भूमिका बताते हुए उसके स्वस्थ शरीर की महत्ता पर प्रकाश डाला । उन्होंने बताया कि किस तरह से नियमित दिनचर्या से एक स्वस्थ शरीर की प्राप्ति की जा सकती है । किस तरह से मनुष्य का मुख मानव शरीर के लिए प्रवेश द्वार की भूमिका निभाते हुए महत्वपूर्ण है तथा शरीर में चल रही सभी प्रतिक्रियाओं एवं व्याधियों को प्रतिबिंबित करता है, के बारे में विस्तार से चर्चा की । उन्होंने दन्त रोगों के बारे में बतात हुए उनके शीघ्र उपचार पर बल दिया तथा ‘सुरक्षा इलाज से बेहतर होती है’ के अर्न्तगत दन्त बीमारियों से किस तरह से बचा जा सकता है विषय पर जोर दिया ।
सायंकालीन सांस्कृतिक संध्या में अमेरका से आए योगगुरु जैक कॉर्नफील्ड ने योग पर आधारित ध्यान कराया । योग एवं विज्ञान के क्षेत्र में ४० वर्षों से काम कर रहे श्री कॉर्नफील्ड ध्यान योग विज्ञान के विश्वविख्यात विशेषज्ञ हैं । योग ध्यान का व्यावहारिक प्रशिक्षण देते हुए उन्होंने इस अवसर पर कहा कि योग जाग्रत ह्रदय का विषय है ।
उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एवं केंद्रीय खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के पूर्व कमिश्नर एवं सीईओ श्री जय शंकर मिश्रा आज परमार्थ निकेतन पहुंचे और योग विशेषज्ञों एवं प्रतिभागियों से मिले । श्री स्वामी चिदानंद सरस्वती की पहल पर लखनऊ में स्थापित गोमती एक्शन परिवार के संयोजक श्री जे. एस. मिश्रा इन दिनों गोमती की स्वच्छता के लिए परमार्थ निकेता के सतह काम कर रहे हैं । टीएचडीसी के मुख्य महाप्रबंधक श्री राकेश खरे के नेतृत्व में टिहरी डैम परियोजना के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी आज गंगा आरती में भाग लिया ।