योग महोत्सव में देशों की शतकीय भागीदारी

परमार्थ निकेतन में लगा योगियों का जमघट

योग महोत्सव से पूर्व विश्व प्रसिद्ध योगगुरुओं को अर्पित की भावभीनी श्रद्धांजलि

योग स्वस्थ तन और प्रकुल्लित मन के साथ विश्व एक परिवार का मूल मंत्र सिखाता है – स्वामी चिदानन्द सरस्वती 

28 फरवरी, ऋषिकेश । परमार्थ निकेतन, आयुष मंत्रालय – भारत सर्कार, उत्तराखण्ड पर्यटन विकास बोर्ड  एवं गढ़वाल मंडल विकास निगम द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 29 वें वार्षिक विश्व विख्यात अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में प्रतिभाग करने के लिए प्रतिभागी, योग जिज्ञासु, योग विद्यार्थी परमार्थ निकेतन में पहुँच रहे हैं ।

इस विश्व विख्यात  कार्यक्रम की मेजबानी परमार्थ निकेतन द्वारा सन 1999 से निरंतर की जा रही है । इस अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में विश्व के 20 विभिन्न देशों के 70 से अधिक पूज्य संत एवं योगाचार्य सम्मिलित हो रहे हैं । आज दोपहर तक इस अंतरराष्ट्रीय योग महापुरव में सम्मिलित होने के लिए सम्पूर्ण विश्व के लगभग 100 देशों के 1000 से अधिक प्रतिभागियों ने सहभाग कर रहे हैं ।

योग की कक्षाओं कल प्रतिः 4 बजे से रत 9:30 बजे तक सम्पन्न होंगी जिसमें प्रमुख रूप से अष्टांग योग, आयंगर योग, विन्यास योग, कुंडलिनी योग, जीवनमुक्ति योग, सिंटोह योग, सोमैटिक योग, हठ योग, राज योग, भक्ति योग, भारत योग, गंगा योग, लीला योग, दिप योग अदि एक सप्ताहtak प्रस्तुत किये जाने वाले 150 योगों के मुख्या प्रारूप हैं । इसके अतिरिक्त ध्यान, मुद्रा, संस्कृतवाचं, आयुर्वेद, रेकी एवं भारतीय दर्शन की भी कक्षाओं सम्पन्न होंगी । देश -विदेश से आये हुए आध्यात्मिक महापुरुषों एवं धर्मगुरुओं द्वारा धार्मिक सवांद एवं प्रश्नोत्तरी का भी विशेष आयोजन इस अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में किया जाएगा ।

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव की पूर्व संध्या पर पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज की प्रेरणा से साध्वी भगवती सरस्वती जी ने योगाचार्यो एवं प्रतिभागियों के साथ मिलकर आज की पावन गंगा आरती में विश्व प्रसिद्ध योग परंपरा के दिग्गज  पूज्य बी. के. इस. अयंगर जिन्होंने विज्ञान और अध्यात्म का समन्वय कर योग की उत्कृष्ट विद्या आयंगर को जन्मा दिया, पूज्य महामंडलेश्वर दयानंद सरस्वती जी महाराज जिनका पावन सानिध्य एवं आशीर्वाद प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव को मिलता रहा है एवं पूज्य स्वामी वेद भर्ती जी जिन्होंने योग एवं ध्यान का वैज्ञानिक स्तर पर समन्वय कर योग के नए आयामों को विकसित किया, को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की । पूज्य स्वामी जी ने योगियों को याद करते हुए कहा की इन्होंने ‘योग को किया नहीं जिया है, उनके जीवन का हर क्षण योगमाया था । ‘

इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव की विशिष्टता यह है कि २ मार्च को दोपहर 12:30 बजे भारत के कर्मठ एवं कर्मयोगी प्रधानमन्त्री माननीय नरेंद्र मोदी जी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे ।

इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज ने देश और विदेश से आये पूज्य संतों, प्रतिभागियों एवं योग जिज्ञासुओं का इस योग और धर्म की नगरी ऋषिकेश में पतित पावनि माँ गंगा के तट पर एवं हिमालय की तलहटी में स्थित परमार्थ निकेतन में सम्पन्न अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में सभी का अभिनन्दन करते हुए कहा की आप इस योग महापर्व में ध्यान व योग की उच्चस्तरीय विधाओं के साथ आत्मिक एवं आध्यात्मिक उन्नति के शिखर को प्राप्त कर पाएंगे । योग हमें स्वस्थ तन और प्रकुल्लित मन के साथ विश्व एक परिवार है का मूल मंत्र सिखाता है । माँ गंगा हमारे रोम-रोम में दिव्यता का संचार कराती है । ‘

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा, जब आप माँ गंगा के तट पर आते हैं; हिमालय की गॉड में आते हैं; योग की जन्मभूमि में चरण रखते हैं तब आप जो हैं वही बन जाते है न कि जो आप करते है । योग आपके लिए क्षण मात्र का अनुभव नहीं होता अपितु चरों पहर की अनुभूति हो जाता है । ‘

चीन से आयी डिफंग दिन झाऊ ने कहा, ‘इतने सारे लोग एक ही उद्देश्य के लिए यहाँ पर एकत्रित हुए है अतः हमारे लिए यह आनंदोत्सव का क्षण है ।’

ईरान से आयी शर्मीनेह ने कहा, पूर्व में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का वीडियो देखकर मैं उत्साह से भरी हुई थी । यहाँ आकर मैं अब आनंद से विभोर हूँ ।’

कनाडा की ऐन मैरी ने कहा, ऋषिकेश मेरे ह्रदय में बस्ता है; यहाँ पर दूसरी बार आकर मैं बेहद खुश हूँ ।’

योगगुरु डॉ. आंद्रिया पेज ने कहा, यह महोत्सव आधुनिक योग का अभिकेंद्र बिंदु है । यह प्राचीन भारतीय आदर्शो एवं पश्चिभि एवं विकासवादी प्रयोगों का उत्कृष्ट संगम है । मेरे द्वारा कराये गए योग अभ्यासों का संबंध योगियों के गहन निरिक्षण से है तथा उनके योग अभ्यासों के विस्तार के लिए यौगिक विद्या प्रदान करना मेरा उद्देश्य है । हम यहाँ पर योग के भविष्य की रुपरेखा तैयार कर रहे है । ‘

अमेरिका से आई लौरा प्लंब के कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव धरती पर स्वर्ग का अवतरण है । यहाँ पर दुनिया के हर कोने से प्रतिभागी आकर योग परिवार में सम्मिलित होते है । हम एक दूसरे से जुड़े होते हैं; मानो हम एक ही माँ की संतान हैं । इसी एकत्व की भावना के साथ अपना उद्धार, औरो की सेवा एवं पारस्परिक प्रेम की प्रगाढ़ता के लिए स्वयं को ऊचां उठाने की कला सीखते हैं ।’

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