परमार्थ निकेतन में दुनिया के ५१ देशों से आए छ: सौ से ज्यादा योग सहक योग विज्ञान, ध्यान, अध्यात्म, संस्कृति आदिka ज्ञान-विज्ञानं तो सिख ही रहे हैं, संगीतevam नृत्यादि की विशिष्ट योगिक क्रियाओं को भी देखने-सुनकर अभिभूत हो रहे हैं । इस श्रृंखला में आज उत्तराखंड की माटी की मशहूर नष्टयांगना कु० आरुषि पोखरियाल के कत्थक नृत्य का रसास्वादन योग साधकों ने लिया, वहीँ विश्वविख्यात ड्रमवादक श्री शिवमणि के वादन और योग विज्ञानं से जुड़े ड्रम वादन के संदेशों को सुनकर सभी योग जिज्ञासु और श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे । इंग्लैण्ड सहित विभिन्न देशों की भूल निवासी वृन्दावन से आई युवतियों का गंगा और पर्यावरण प्रेम देखकर तो हर कोई अभिभूत है ।

आज मुंबई की दीपिका मेहता ने योग की अष्टांग साधना, इटली के रोबेर्टो मिलेटी ने गतिशीलता प्रवाद एवं परिवर्तन, माँ ज्ञान सुवीरा ने चीनी ध्यान साधना पर आधारित सी-प्लस ध्यान, एरिका कॉफ़मैन ने लीला सूर्य नमस्कार तथा १०६ वर्षीय योगगुरु स्वामी योगानंद ने सूक्ष्म योग का अभ्यास प्रतिभागियों को कराया । साधना की कक्षाओं के तहत अमेरिका की लौरा प्लम्ब ने देवी साधना के साथ-साथ आसन, प्राणायाम व ध्यान को माँ गंगा को समर्पित किया । उन्होंने कहा कि जब हम साधना को दिव्यता के साथ जोड़ते हैं तब हम ईश्वरीय योजना के सहभागी बन जाते हैं । अमेरिका के शेरी बैप्टिस्ट द्वारा योग की शक्ति, गुरुमुख कौर खालसा द्वारा कुण्डलिनी योग तथा बेंगलुरु के एच. एस. अरुण द्वारा आयंगार योग का प्रशिक्षण कराया गया । परमार्थ निकेतन की साध्वी भगवती सरस्वती ने दैविक संतुलन एवं दबाव प्रबंधन से आत्म प्रबंधन विषय पर योगार्थियों का गहरा मार्गदर्शन किया ।

कई योग जिज्ञासुओं ने अपनी सुन्दर अभिव्यक्तियाँ दिन । बेरगेमों की शैच फ्रंचिनिया ने कहा कि मैं प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में शामिल होने के लिए आता हूँ, ताकि मैं आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए अपने को ऊर्जावान कर सकूँ । टोक्यो की शिसको कुरिहारा बोलीं मैंने फैसला किया है कि मैं योग शिक्षक बनूँ, इसलिए मैंने अपनी नौकरी छोड़ दी टेक अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के इस अंतर्ज्ञान को समझ सकूँ । सिडनी की एमिली मायसन ने कहा कि मैं अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में विशव के जाने-माने योगियों से मिलने के लिए आई हूँ । मैं भी उन लोगों की तरह योगी बनने आई हूँ । जिन्होंने मेरी तरह ही भारतीय योग विद्या को सिखने का फैसला लिया है । मेरी पहली प्राथमिकता है की मैं अंजाने योगियों से मिलूं । अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में परिचित एवं अपरिचित लोगों से मिलना अविश्सनीय रूप से एक दुर्लभ अनुभव है ।

विश्वविख्यात ड्रमवादक श्री शिवमणि ने आज संगीत और योग के बीच संबंधों की एक न सरिता गंगा किनारे बहाई । ड्रमवादन की विभिन्न धाराओं का उनका प्रदर्शन देखकर उपस्थित श्रोताओं ने दांतों टेल ऊँगली दबा ली । हर उपयोगी और अनुपयोगी दिखने वाली वास्तु से आवाज निकल देना, अकेले ही का वाद्ययंत्रों को बजा देना जैसी अनेकों खूबियों से शिवमणि ने हर ह्रदय में जगह बनाई । उन्होंने संगीत और योग के आतंरिक संबंधों का व्यवहारिक प्रदर्शन करके यह सिद्ध किया कि संगीत की विविध धाराओं के माध्यम से योग के उच्चतम सोपानों तक पहुंचा जा सकता है । आज देहरादून से आई आरुषि पोखरियाल ने भी गंगातट पर कत्थक नृत्य प्रस्तुत किय ।

जर्मनी, कोलम्बित्, साउथ अमेरिका, ब्राजील, पेरू, चिली एवं अर्जेंटीना के लगभग एक दर्जन युवक-युवतियों के गंगा और पर्यावरण प्रेम ओ देखकर देश-दुनिया भर से आए सभी लोग भाव-विभोर हैं । इनमें कोई पेड़ बना है तो कोई गाय, कोई पहाड़ बना है तो कोई गंगा, यमुना और सरस्वती । एक युवक ने तो अपने शरीर को ही प्रचार का प्रचुर माध्यम बना लिया है । गंगा एक्शन परिवार एवं वर्ल्ड कांसियश पैक्ट के बैनर चले यह युवक दोनों हाथों के सहारे विशाल परदे-रूपी बैनर पर हिंदी एवं अंग्रेजी में पालीथिन निषेध, पृथ्वी बचाओ, पहाड़ बचाओ, समुद्र बचाओ आदि विषयों पर लिखे प्रेरक संदेशों के माध्यम से जनसामान्य को प्रेरणा दे रहा है । यह टीम सभी की नजरों में आकर्षण का केंद्र बानी हुई है । सात दिनों के ऋषिकेश प्रवास में यह दल गंगा स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का सन्देश दे रहा है । यह पूरा दल जर्मनी मूल के संत स्वामी परमाद्वैती जी महाराज के नेतष्त्व में परमार्थ आया है ।

योग महोत्सव के चौथे दिन परमार्थ परिवार में चहुंओर व्याप्त ज्ञान, विज्ञा, श्रद्धा और उत्साह के सैलाब को देखकर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष एवं गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता श्री स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा की योग की जन्मदात्री उत्तराखंड की धरती के हर कोने को योग के ज्ञान-विज्ञान से भरा जाना जरुरी है । उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत द्वारा स्कूली शिक्षा में योग को अनिवार्य किए जाने की घोषणा, योग शिक्षकों की नियुक्ति तथा योग की विभिन्न घरों के देवभूमि में प्रचार-प्रसार के संकल्पों पर ख़ुशी व्यक्त की । उन्होंने योग थेरैपी को चिकित्सा क्षेत्र में उतारने हेतु विशेष कार्ययोजना बनाने पर भी बल दिया ।

आज की सांध्यकालीन वेला में पूर्व मुख्यमंत्री डा० रमेश पोखरियाल निशंक, प्रदेश के पुलिस महानिदेशक श्री बि० एस० सिद्धू, मुंबई से आए आयुर्वेद के भीष्म पितामह के नाम से विख्यात मुंबई के वैद्यराज पद्मश्री सुरेश चतुर्वेदी, ऋषिकेश के विधायक श्री प्रेम चन्द्र अग्रवाल, ऋषिकेश नगरपालिका के अध्यक्ष श्री दीप शर्मा, ऋषिकेश एम्स के निदेशक डा० राजकुमार, जीएमवीएन के ओएसडी श्री हंसदात्ता पाण्डेय, एसडीएस ऋषिकेश श्री संतोष कुमार पाण्डेय, स्विटजरलैंड स्थित स्विस बैंक की निदेशक डा० लिली, ईओ नगर पंचायत स्वर्गाश्रम श्री राजेश पूरी गोस्वामी, देवभूमि उत्तराँचल उद्योग व्यापर मण्डल के अध्यक्ष श्री राज कुमार अग्रवाल, महामंत्री श्री इंद्रा प्रकाश अग्रवाल तथा ऋषिकेश, मुनि की रेती एवं लक्ष्मणझूला के पुलिस निरीक्षक समेत कई गण्यमान व्यक्ति मौजूद थे । स्वामिनारायण गुरुकुल अहमदाबाद के प्रमुख श्री माधवप्रियदास स्वामी, बौद्ध लामा, योगिराज पद्मश्री भारत भूषण, वृन्दावन के संत राधानाथ स्वामी, बि.एच.ई.एल.  मुख्यालय में वित्त निदेशक श्री पि.के. बोजपेई, अधिशासी निदेशक वित्त श्री एस० सि० मित्तल एवं हरिद्वार बीएचईएल के वित्त प्रमुख श्री रमेश मेहरा भी परमार्थ निकेतन पहुंचे और गंगा आरती में भाग लिया ।

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